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शिक्षा के माध्यम से ही बदलेंगे सामाजिक मानदंड : प्रो. सुधि राजीव
एचजेयू और यूएनएफपीए की ओर से आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ
जयपुर, 10 अगस्त 2023

जयपुर। शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में लैंगिक संवेदनशीलता और लैंगिक समानता का पाठ लागू कर महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को अस्वीकार्य बनाने की दिशा में हम सभी को मिलकर काम करना होगा। लैंगिक समानता के मूल्यों का समावेश छात्र-छात्राओं को लैंगिक भेदभाव के खिलाफ जागरूक करना है। मौजूदा पितृसत्तात्मक समाज में शिक्षा के माध्यम से ही सामाजिक मानदंडों में बदलाव लाया जा सकता है। यह बात गुरुवार को हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय (एचजेयू) की कुलपति प्रो. सुधि राजीव ने दो दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर कही। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) और एचजेयू की ओर से विवि के 40 युवा पत्रकारों को जेंडर संवेदनशीलता विषय पर प्रशिक्षित कर क्षमतावर्धन करने वाले चार महीने के प्रोजेक्ट को लॉन्च करते हुए लैंगिक समानता की महत्ता को रेखांकित किया।

यूएनएफपीए तथा एचजेयू के संयुक्त तत्वावधान एवं लोक संवाद संस्थान के सहयोग से आयोजित इस दो दिवसीय कार्यशाला में पॉपुलेशन फर्स्ट की सीईओ डॉ. एएल शारदा ने कहा कि समाज में लिंग आधारित रूढ़िवादिता और लैंगिक आधार पर भूमिकाओं के निर्धारण के मुद्दे को संबोधित करने तथा लड़कियों के बीच लैंगिक भेदभाव के प्रभाव को कम करने की दिशा में इस तरह के पाठ्यक्रम काफी मददगार साबित होंगे। उन्होंने पुरुषों और महिलाओं में सैलरी के अंतर को भी रेखांकित किया। इससे पूर्व एचजेयू के प्रोफेसर डॉ. रतन सिंह शेखावत ने स्वागत भाषण देते हुए कार्यशाला के आयोजन की महत्ता पर प्रकाश डाला।

यूएनएफपीए के स्टेट हेड डॉ. दीपेश गुप्ता ने सभी का स्वागत करते हुए लैंगिक असमानता के खिलाफ निरंतर कार्य करने की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट पत्रकारिता के छात्रों में नई समझ विकसित करेगा। लोक संवाद संस्थान के सचिव कल्याण सिंह कोठारी ने इस परियोजना के प्रारूप के बारे में बताते हुए इसकी जरूरत पर बल दिया।

लैंगिक भेदभाव की समझ जरूरी : डॉ. शारदा

कार्यशाला में डॉ. शारदा ने लैंगिक भेदभाव, जेंडर नॉर्म्स और उनकी भूमिका पर इंटरेक्टिव तरीके से अपनी बात रखी। उन्होंने चार महीने तक चलने वाले प्रोजेक्ट के लिए चयनित पत्रकारिता के 40 छात्रों को विभिन्न मनोरंजक उदाहरणों और प्रतियोगिताओं के माध्यम से जेंडर के बारे में समझाया। इंस्टीट्यूट ऑफ डवलपमेंट की प्रो. शोभिता राजगोपाल ने लैंगिक भेदभाव और हिंसा का मुद्दा उठाया।

युवा पत्रकारों ने सीखे लेखन के गुर

कार्यशाला में अलग-अलग सत्रों का आयोजन हुआ, जिसमें विभिन्न पत्रकारों ने छात्रों को जेंडर संबंधी विषयों पर पत्रकारिता करने के गुर सिखाए। वरिष्ठ पत्रकार गोविंद चतुर्वेदी ने राइटिंग स्किल्स पर अपनी बात रखी। प्रो. हिमांशु व्यास ने फोटो स्टोरी और शॉर्ट फिल्म की बारीकियां बताईं। शालिनी अग्रवाल ने जेंडर संबंधी मुद्दों की सोशल मीडिया पर उपस्थिति के ​बारे में बात की। दैनिक भास्कर के स्टेट हेड मुकेश माथुर ने जेंडर संबंधी रिपोर्टिंग करते समय प्रयोग ली जाने वाली भाषा के बारे में समझाया। कार्यशाला का संचालन यूएनएफपीए कंसल्टेंट त्रिशा पारीक ने किया। समापन सत्र में सवाल-जवाब के माध्यम से छात्रों ने अपनी शंकाओं का समाधान किया। कार्यशाला का समापन शुक्रवार को होगा।

मीडिया कवरेज

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प्रबंध बोर्ड की 5वीं बैठक
जयपुर, 30 नवंबर 2022
भारतीय संविधान की आत्‍मा में गांधी के विचार: प्रो. महान
भारतीय लोकतंत्र के लिए बहुमतवाद नहीं बहुलवाद उचित: प्रो. सुधि। हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्‍वविद्यालय में संविधान दिवस के अवसर पर ‘लोकतंत्र की जड़ें और मीडिया’ विषय पर विशेष व्याख्‍यान ।
जयपुर, 26 नवंबर 2022

जयपुर, 26 नवंबर 2022 । हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्‍वविद्यालय (एचजेयू) में शनिवार को संविधान दिवस के अवसर पर विशेष व्‍याख्‍यान का आयोजन किया गया। ‘लोकतंत्र की जड़ें और मीडिया’ विषय पर आयोजित इस व्‍याख्‍यान में मुख्‍य वक्‍ता वरिष्‍ठ पत्रकार प्रो. राजन महान थे। कार्यक्रम की अध्‍यक्षता कुलपति प्रो. सुधि राजीव ने की।

इस अवसर पर प्रो. राजन महान ने प्रथम राष्‍ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के कथन को उद्धृत करते हुए कहा कि संविधान एक मशीन की तरह है, यह सूबसूरत उन लोगों से बनेगा जो मूल्‍यों का पालन करते हुए इसकी भावना के अनुरूप देश को चलाएंगे। उन्‍होंने कहा, ‘भारतीय संविधान की अत्‍मा में महात्‍मा गांधी के विचार हैं जिनकी चर्चा गांधी ने हिन्‍द स्‍वराज में की है। अहिंसा, हिन्‍दू-मुस्लिम एकता, छुआछूत का अंत और स्‍वदेसी गांधी विचार हैं। स्‍वराज और सर्वोदय दोनों भारतीय संविधान की बुनियाद हैं।’ उन्‍होंने राजनीतिक लोकतंत्र, सामाजिक लोकतंत्र और आर्थिक लोकतंत्र को गांधी दर्शन के संदर्भ में प्रस्‍तुत किया। सांस्‍कृतिक बहुलवाद के महत्‍व की चर्चा करते हुए उन्‍होंने कहा कि धर्म के आधार पर बने पाकिस्‍तान 25 वर्ष से भी कम समय में टुकड़ों में बंट गया। चुनाव में धन-बल और राजनीतिक संवाद के गिरते स्‍तर को उन्‍होंने चिंताजनक बताया। उन्‍होंने यह भी कहा कि संवैधानिक संस्‍थाओं के कमजोर होने से भारतीय लोकतंत्र कमजोर हो रहा है।

अध्‍यक्षीय संबोधन में कुलपति प्रो. सुधि राजीव ने कहा कि प्राचीन भारत के 16 जनपदों में लोकतंत्र की जड़ें मिलती हैं। प्राचीन भारत में लोकतांत्रिक संस्‍थाओं की उपस्थिति को देखते हुए हम भारत को दुनिया में लोकतंत्र का जनक कह सकते हैं। लोकतंत्र के मूल्‍यों की चर्चा करते हुए उन्‍होंने कहा कि लोकतंत्र में बहुलवाद होना चाहिए, बहुमतवाद नहीं। मीडिया की भूमिका पर विचार रखते हुए उन्‍होंने कहा कि मीडिया ने स्‍वतंत्रता आंदोलन और समाज सुधार में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्तमान परिस्थितियों में भी मीडिया की भूमिका लोकतंत्र के प्रति सजग प्रहरी की है। कार्यक्रम का संचालन पलक गुप्‍ता ने किया। इस अवसर पर विश्‍वविद्यालय के सभी शिक्षक और कर्मचारी उपस्थित रहे।

पब्लिक हेल्‍थ में डिप्‍लोमा और सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम शुरू करेगा एचजेयू
हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्‍वविद्यालय (एचजेयू) जल्‍दी ही पब्लिक हेल्‍थ में डिप्‍लोमा और सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम भी शुरू करेगा। ये पाठ्यक्रम विकास संचार विभाग के अंतर्गत संचालित किए जाएंगे।
जयपुर, 5 नवंबर 2022

जयपुर, 5 नवंबर 2022. हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्‍वविद्यालय (एचजेयू) जल्‍दी ही पब्लिक हेल्‍थ में डिप्‍लोमा और सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम भी शुरू करेगा। ये पाठ्यक्रम विकास संचार विभाग के अंतर्गत संचालित किए जाएंगे। जनसंचार और जन स्‍वास्‍थ्‍य को समाहित करते हुए ये नए पाठ्यक्रम शुरू करने में जोधपुर स्‍कूल ऑफ पब्लिक हेल्‍थ (जेएसपीएच) सहयोग करेगा। शनिवार को विश्‍वविद्यालय के खासाकोठी स्थित अकादमिक परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में जेएसपीएच और एचजेयू के बीच एक एमओयू किया गया। विश्‍वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुधि राजीव और जेएसपीएच के ट्रस्‍टी श्री जयदीप सिंह राठौड़ ने एमओयू पर हस्‍ताक्षर किए।

इस अवसर पर कुलपति प्रो. सुधि राजीव ने कहा, ‘हरिदेव जाशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्‍वविद्यालय राजस्‍थान में जनसंचार के क्षेत्र में अग्रणी है। समाज को तथ्‍यात्‍मक और सही सूचनाएं पहुंचाने में एक जनसंचार विश्‍वविद्यालय होने के कारण अपना अधिकतम योगदान हम देना चाहते हैं। जन स्‍वास्‍थ्‍य एक ऐसा ही क्षेत्र है जहां लोगों के पास भ्रामक और गलत सूचनाएं पहुंचने से लोगों के स्‍वास्‍थ्‍य के साथ खिलवाड़ होता है। कोरोना महामारी के दौरान ऐसा देखने में आया कि उचित जानकारी के अभाव में लोग अपने स्‍वास्‍थ्‍य को खतरे में डाल रहे थे। जेएसपीएच के साथ यह अकादमिक आदान-प्रदान बहुत ही उपयोगी साबित होगा और जन स्‍वास्‍थ्‍य के क्षेत्र में महत्‍पूर्ण बदलाव लाने में मदद मिलेगी। इस साझेदारी का लाभ विद्यार्थियों को मिलेगा और वे जन स्‍वास्‍थ्‍य की बेहतर समझ वाले पत्रकार बनेंगे।

इस अवसर पर जेएसपीएच के ट्रस्‍टी श्री जयदीप सिंह राठौड़ ने कहा कि हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्‍वविद्यालय के साथ एमओयू पब्लिक हेल्‍थ के क्षेत्र में एक महत्‍वपूर्ण कदम साबित होगा। हमें खुशी है कि हम पब्लिक हेल्‍थ के क्षेत्र में अपने अनुभव का लाभ विश्‍वविद्यालय में जन स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी पाठ्यक्रम शुरू करने में दे पाएंगे। उन्‍होंने इस इस साझेदारी के लिए कुलपति प्रो. सुधि राजीव का आभार जताया। इस अवसर पर उपस्थित पत्रकारिता और जनसंचार विश्‍वविद्यालय के कुलसचिव श्री अबू सुफियान चौहान ने कहा कि पब्लिक हेल्‍थ में नए पाठ्यक्रम विद्यार्थियों में जन स्‍वास्‍थ्‍य कौशल का विकास करेंगे और उनके लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

जेएसपीएच के अकादमिक प्रमुख डॉ. कंदर्प माथुर ने इस अवसर पर विश्‍‍वविद्यालय के शिक्षकों के साथ पब्लिक हेल्‍थ में डिप्‍लोमा और सर्टिफिकेट के प्रस्‍तावित पाठ्यक्रमों पर चर्चा की। विश्‍वविद्यालय के शिक्षकों ने पब्लिक हेल्‍थ के पाठ्यक्रमों में जनसंचार से संबंधित विषयों को समाहित करने पर सुझाव दिए। बाद में पब्लिक हेल्‍थ और जनसंचार विषय पर उन्‍होंने जयदीप सिंह राठौड़, आशीष मुनेचा और ललिता कुमारी के साथ मिलकर विद्यार्थियों से भी संवाद किया और स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी समस्‍याओं पर लोगों को जागरूक करने में मीडिया की भूमिका पर चर्चा की।

इस अवसर पर अकादमिक परिसर की शैक्षणिक एवं प्रशासनिक समन्‍वयक श्रीमती शालिनी जोशी, पत्रकारिता संकाय की डीन डॉ. ऋचा यादव, जनसंचार संकाय के डीन डॉ. अनिल मिश्र, मीडिया अध्‍ययन विभाग के अध्‍यक्ष डॉ. रतन सिंह शेखावत, इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया विभाग की अध्‍यक्ष गरिमा श्री, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मनोज कुमार लोढा, एडजंक्‍ट प्रोफेसर श्री त्रिभुवन, श्री संजय शर्मा, डॉ. ताबिना अंजुम और डॉ. अख़लाक़ उस्‍मानी भी उपस्थित थे।

जनसंपर्क का ध्‍येय मानवता को ऊंचा उठाना है: प्रो. बारेठ
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, राजस्‍थान सरकार के नवनियुक्‍त सहायक जनसंपर्क अधिकारियों (एपीआरओ) के लिए हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्‍वविद्यालय (एचजेयू) में आयोजित 5 दिवसीय क्षमता संवर्धन कार्यशाला शुक्रवार को संपन्‍न हुई।
जयपुर, 21 अक्‍टूबर 2022

जयपुर, 21 अक्‍टूबर 2022 । सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, राजस्‍थान सरकार के नवनियुक्‍त सहायक जनसंपर्क अधिकारियों (एपीआरओ) के लिए हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्‍वविद्यालय (एचजेयू) में आयोजित 5 दिवसीय क्षमता संवर्धन कार्यशाला शुक्रवार को संपन्‍न हुई। समापन सत्र में राजस्‍थान के पूर्व सूचना आयुक्‍त प्रो. नारायण बारेठ मुख्‍य अतिथि थे। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, राजस्‍थान सरकार के निदेशक श्री पुरुषोत्‍तम शर्मा ने कार्यक्रम की अध्‍यक्षता की। हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्‍वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुधि राजीव इस अवसर पर विशिष्‍ट अतिथि थीं।

इस अवसर पर संबोधित करते हुए प्रो. नारायण डी. बारेठ ने कहा कि इस दौर में सच को कहने की चुनौतियां बढ़ी हैं, लेकिन फिर भी चांद, सूरज और सच्‍चाई कभी नहीं छिप सकते। उन्‍होंने नवनियुक्‍त सहायक जनसंपर्क अधिकारियों से आह्वान किया कि उन्‍होंने महात्‍मा गांधी की संचार कला से सीखना चाहिए और जनसंपर्क का उद्देश्‍य मानवता को आगे ले जाना होना चाहिए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. सुधि राजीव ने कहा, ‘इस क्षमता संवर्धन कार्यशाला को लेकर प्रतिभागियों के फीडबैक से वह बहुत खुश हैं। हमारा विश्‍वविद्यालय जनसंचार के शिक्षण और प्रशिक्षण के लिए समर्पित है, ऐसे में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के साथ मिलकर आगे भी इस प्रकार के आयोजन करते रहेंगे।’ उन्‍होंने नवनियुक्‍त सहायक जनसंपर्क अधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विश्‍वास और सत्‍य के सहारे आप हाशिये के लोगों की आवाज बनें।’

कार्यक्रम के अध्‍यक्षीय संबोधन में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक श्री पुरुषोत्‍तम शर्मा ने प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित करने के लिए विश्‍वविद्यालय प्रबंधन को धन्‍यवाद दिया। उन्‍होंने प्रतिभागी अधिकारियों से वास्‍तविक बने रहने और अपनी लक्ष्‍मण रेखा का ध्‍यान रखने की बात कही। उन्‍होंने कहा कि दायित्‍व निभाने का सुख सबसे बड़ा सुख है। नए दौर में जनसंपक की चुनौतियां बढ़ी हैं और इनको स्‍वीकार कीजिए।

क्षमता संवर्धन कार्यशाला की समन्‍वयक डॉ. ऋचा यादव ने बताया कि एचजेयू के खासाकोठी स्थित अकादमिक परिसर में 17 से 21 अक्‍टूबर तक आयोजित इस कार्यशाला में जनसंपर्क और मीडिया जगत से जुड़े अनुभवी विशेषज्ञों के साथ ही मीडिया अकादमिक क्षेत्र के अनुभवी शिक्षकों ने प्रशिक्षण दिया। नवनियुक्‍त सहायक जनसंपर्क अधिकारियों को राजस्‍थान सरकार की प्रमुख विकास योजनाओं, दृश्‍य-श्रव्‍य मीडिया सामग्री निर्माण, मीडिया संबंध, अनुवाद, प्रेस विज्ञप्ति लेखन, डिजिटल पीआर, जनसंपर्क अभियान, संकट संचार, फेक न्‍यूज और फैक्‍ट चेकिंग आदि विभिन्‍न पहलुओं पर सैद्धान्तिक एवं व्‍यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया।

आयोजन के अंतिम दिन प्रतिभागी सहायक जनसंपर्क अधिकारियों ने क्षमता संवर्धन कार्यशाला पर अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस दौरान जनसंचार के विभिन्‍न विद्वानों से मिला प्रशिक्षण उनके पेशेवर जीवन में बहुत काम आने वाला है। जनसंपर्क सेवा और पत्रकारिता से जुड़े वरिष्‍ठ लोगों के साथ ही मीडिया से जुड़े अनुभवी शिक्षकों के सत्र होने के कारण यह बहुत ही सार्थक रहा।

पब्लिक हेल्‍थ और मीडिया में सहयोग समय की मांग: प्रो. सुधि
एचजेयू और जेएसपीएच के संयुक्‍त तत्‍वावधान में ‘मास कम्‍युनिकेशन एंड फ्यूचर ऑफ ग्‍लोबल पब्लिक हेल्‍थ’ विषय पर अंतरराष्‍ट्रीय सेमिनार का आयोजन
जयपुर, 10 अक्‍टूबर 2022

जयपुर, 10 अक्‍टूबर 2022. सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य के क्षेत्र में मीडिया की भूमिका पर हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्‍वविद्यालय (एचजेयू) की ओर से सोमवार को एक अंतरराष्‍ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। जोधपुर स्‍कूल ऑफ पब्लिक हेल्‍थ (जेएसपीएच) की सहभागिता से पिंकसिटी प्रेस क्‍लब सभागार में विभिन्‍न विश्‍वविद्यालयों के 250 से अधिक विद्यार्थी उपस्थित थे। सेमिनार में पब्लिक हेल्‍थ से जुड़े विख्‍यात विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे। इस अवसर पर अपने संबोधन में कुलपति प्रो. सुधि राजीव ने कहा कि कोरोना महामारी ने पब्लिक हेल्‍थ में मीडिया की भूमिका को बखूबी उजागर किया है। पब्लिक हेल्‍थ और मीडिया एक दूसरे के पूरक हैं और इनमें आपसी सहयोग समय की मांग है। उन्‍होंने कहा कि हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्‍वविद्यालय पब्लिक हेल्‍थ के क्षेत्र में पाठ्यक्रम शुरू करने और मीडिया के पाठ्यक्रमों में पब्लिक हेल्‍थ को समुचित स्‍थान देने के लिए जेएसपीएल से सहयोग बढ़ाया जाएगा और जल्‍द ही एक एमओयू साइन किया जाएगा।

हरिश्‍चंद्र माथुर राजस्‍थान लोक प्रशासन संस्‍थान (एचसीएम-रीपा) की पूर्व अतिरिक्‍त निदेशक एवं रजिस्‍ट्रार, सेंटर फॉर मैनेजमेंट स्‍टडीज, अपर्णा सहाय कार्यक्रम की विशिष्‍ट अतिथि थीं। उन्‍होंने इस अवसर पर कहा कि भारत में शिशु मृत्‍यु दर और मातृत्‍व मृत्‍यु दर अब भी बहुत अधिक है। पब्लिक हेल्‍थ पर मीडिया के जरिए जागरूकता फैलाकर इसमें कमी लाई जा सकती है। जोधपुर स्‍कूल ऑफ पब्लिक हेल्‍थ के संस्‍थापक एवं सीईओ अनिल पुरोहित ने कहा कि पब्लिक हेल्‍थ के क्षेत्र में मीडिया की मदद के बिना काम करना संभव नहीं है। उन्‍होंने पब्लिक हेल्‍थ के क्षेत्र में हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्‍वविद्यालय के साथ मिलकर काम करने की इच्‍छा जताई।

भारत सरकार के पूर्व स्‍वास्‍थ्‍य सचिव और संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव के विशेष प्रतिनिधि (एड्स मामले) जे.वी.आर. प्रसाद राव ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि पब्लिक हेल्‍थ में सूचना, शिक्षा और संचार अहम होता है। समाज का हाशिये पर पड़ा वर्ग स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी शिक्षा से वंचित रहता है और ऐसे में जनसंचार की भूमिका इसमें महत्‍वपूर्ण हो जाती है। हावर्ड टी.एच. चान स्‍कूल ऑफ पब्लिक हेल्‍थ इंडिया रिसर्च सेंटर के निदेशक वी. विश्‍वनाथ ने कहा कि सूचना एवं संचार तकनीक (आईसीटी) पब्लिक हेल्‍थ को प्रभावित कर रही है। सोशल मीडिया और अन्‍य डिजिटल प्‍लेटफॉर्म्‍स पर सूचनाओं का प्रवाह तो बढ़ गया है, लेकिन उनमें तथ्‍यात्‍मक कमियां होती हैं। स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी सूचनाएं प्रसारित करने वाले डिजिटल प्‍लेटफॉर्म्‍स के पीछे भी एक ताकत काम करती है, ऐसे में भ्रामक सूचनाओं की बाढ़ सोशल मीडिया पर देखने को मिलती है।

मोबिलोइट टेक्नोलॉजीज के संस्थापक और सीएमडी जगदीश हर्ष ने इस अवसर पर ब्‍लॉकचेन, मेटावर्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग के संदर्भ में मीडिया के भविष्‍य पर रोशनी डाली। उन्‍होंने पब्लिक हेल्‍थ कम्‍युनिकेशन में इसके उपयोग पर भी महत्‍वपूर्ण जानकारी साझा की। अमेरिकी प्रशासन में महामारी विशेषज्ञ ग्रेगरी फेन्‍ट ने पब्लिक हेल्‍थ इन्‍फॉर्मेशन सिस्‍टम को दुरुस्‍त करने में डाटा की भूमिका को महत्‍वपूर्ण बताया। उन्‍होंने कहा कि डाटा का उपयोग बहुत महत्‍वपूर्ण है। डब्‍ल्‍यूएचओ हेल्‍थ इमरजेंसी प्रोग्राम (डब्‍ल्‍यूएचई) के टेक्निकल ऑफिसर (हेल्‍थ सिक्‍योरिटी) प्रियाकांता नायक ने इस अवसर पर कहा कि हेल्‍थ अथॉरिटीज और पब्लिक के बीच प्रभावी संचार बहुत आवश्‍यक है और इसमें मीडिया की भूमिका अहम है। सेमिनार को विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन में कम्‍युनिकेशंस एंड मीडिया प्रोफेशनल रॉय वाडिया ने भी संबोधित किया। सीएनएन के पूर्व पत्रकार वाडिया ने कहा कि पब्लिक हेल्‍थ को लेकर मीडिया को नजरिया बदले की आवश्‍कता है।