मुख्य पटल शिक्षक समूह हिमांशु व्यास

हिमांशु व्यास

एडजंक्ट प्रोफेसर

हिमांशु व्यास ने हिंदुस्तान टाइम्स अखबार में दो दशकों से अधिक समय तक जुड़े थे, जहाँ से अंत में वे चीफ फोटोग्राफर ( मल्टिमीडिया ) के रूप में कार्य कर रहे थे। दो बार रामनाथ गोयनका प्रेस फोटो अवार्ड के विजेता हिमांशु के न्यूज फोटोग्राफ्स ने वान इफरा के 7वें एशिया मीडिया अवार्ड्स, चीन में स्वर्ण पदक , प्रेस इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया तथा रेड क्रॉस की फोटोजर्नलिस्म प्रतियोगिता में प्रथम और यूएनईपी, सियोल में भी अवार्ड जीता।

अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर हिमांशु ने ब्रेकिंग स्टोरीज लिखीं और वर्षों तक साप्ताहिक स्तम्भ 'योर्स लेज़रली ' लिखने वाले एकमात्र फोटो जर्नलिस्ट हैं। आवारा कुत्तों द्वारा बच्चों का मिड - डे मील छीनने की उनकी रिपोर्ट ने देश का ध्यान खींचा। उनकी तस्वीरें ला मोँ , द गार्जियन, बीबीसी, पोलिटिको, इंडिया टुडे और वैनिटी फेयर में भी छपी हैं।

फोटोजर्नलिज्म के अपने विशिष्ट शिक्षाशास्त्र द्वारा उन्होंने आईआईएमसी व राजस्थान विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग मेंअनेक बरस और दक्षिण ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय में 2019 में कार्यशालाओं का आयोजन किया। उन्होंने पत्रकारिता की सन्दर्भ पुस्तकों के लिए 'फोटोजर्नलिस्ट' और 'फोटोजर्नलिज्म' अध्याय लिखे हैं। उन्होंने आकाशवाणी में अनियमित उद्घोषक के रूप में काम किया और बालिकाओं पर एक फोटो-पुस्तक "फ़ूली " प्रकाशित की।

एक सशक्त कौशल के रूप में उन्होंने आवासीय शैक्षिक शिविरों में ग्रामीण लड़कियों को फोटोजर्नलिज्म पढ़ाया है। कराची में सार्क देशों के एक सेमिनार में एक शोध पत्र 'स्टेट ऑफ फोटोजर्नलिज्म इन इंडिया' प्रस्तुत किया। आप को व्याख्यान, प्रदर्शनियों और संगीत कार्यक्रमों के लिए ऑस्ट्रेलिया में ओज़ेड-एशिया महोत्सव में दो बार आमंत्रित किया गया।

हिमांशु ने हिंदुस्तान टाइम्स वेब के लिए वीडियो रिपोर्ट बनाये और सोशल मीडिया पर 'न्यूज़बोल्ट' नामक एक दैनिक समाचार कैप्सूल रूपी एक अभिनव कार्यक्रम की पटकथा और एंकरिंग में योगदान किया। उन्होंने एफटीआईआई, पुणे द्वारा संचालित फिल्म सराहना में कोर्स किया और तीन लघु फिल्में भी बनाईं - एक डार्करूम मेलोडी, पुर (दक्षिण ऑस्ट्रेलिया सरकार द्वारा प्रायोजित) और कलमखुश, जो कला में महात्मा गाँधी का विश्लेषण करती है और राजस्थान अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में जिसे सम्मानित किया गया था।

ब्राह्मी लिपि में निपुण, हिमांशु सिद्धम कैलीग्राफी करते हैं और प्रयोगात्मक थिएटर और फिल्मों के लिए संगीत डिजाइन करते हैं। वे हाइकु सोसायटी ऑफ अमेरिका के सदस्य हैं और उनके हाइकु अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित और पुरस्कृत किए जा चुके हैं। वे लंदन से प्रकाशित एक वार्षिक पत्रिका एमओएनके के लिए लिखते हैं।

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