सत्र 2021-22 से विश्वविद्यालय के अंतर्गत पीएच-डी का अध्ययन (शोध कार्य) होगा। इस अध्ययन में प्रवेश विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियमों के अनुसार एक परीक्षा के माध्यम से दिए जाएँगे। किसी भी विषय में (न्यूनतम 55% प्रतिशत अंको से उत्तीर्ण) स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त अभ्यर्थी इस प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं। सत्र 2020-21 में स्नातकोत्तर उत्तरार्द्ध परीक्षा में शामिल विद्यार्थी भी पीएच-डी प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं । अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति/ पिछड़ा वर्ग/ अति पिछड़ा वर्ग/ आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग/ विशेष योग्यजन एवं विश्वविद्यालय द्वारा समय-समय पर निर्णीत अभ्यर्थियों के अन्य संवर्गों को 5% अंको की छूट यानि 55% के बजाय 50% अंकों पर पात्रता होगी।
इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य पत्रकारिता और जनसंचार के क्षेत्र में उपलब्ध तथ्यों और जानकारी के विवेचन के साथ मौलिक संधान को बढ़ावा देना है। मीडिया के क्षेत्र (इंडस्ट्री) और उसकी अकादमिक शाखाओं में गहन अध्ययन की रुचि रखने वालों को यह शोध-पाठ्यक्रम नई संभावनाएँ प्रदान करेगा।
प्रवेश पाने वाले विद्यार्थियों को शोधार्थी के रूप में पंजीकृत होने से पहले छह माह का 'कोर्स वर्क' करना होगा। इस आयोजन में शोधार्थी पत्रकारिता और जनसंचार के विभिन्न पहलुओं पर शोध की कार्यविधि और प्रवृत्तियों से परिचित हो सकेंगे। इसके लिए विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाले विषय-विशेषज्ञों के विशेष व्याख्यान मार्गदर्शक साबित होंगे।