मुख्य पटल प्रो. सुधि राजीव

प्रो. सुधि राजीव

कुलपति

कई प्रतिष्ठित पदों पर प्रशासक के रूप में व्यापक अनुभव रखने वालीं, हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय, जयपुर की कुलपति प्रो. सुधि राजीव इससे पूर्व जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर में डीन, कला, शिक्षा और समाज विज्ञान संकाय तथा अंग्रेज़ी विभाग की प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष रही हैं। वे कमला नेहरू महिला कॉलेज (जेएनवी विश्वविद्यालय का एक संघटक कॉलेज) की निदेशक और जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में महिला अध्ययन केंद्र की संस्थापक-निदेशक भी थीं। वे तीन बार जयनारायण विश्वविद्यालय की सिंडिकेट के लिए नामांकित हुईं और अंग्रेज़ी कौशल के लिए राजस्थान राज्य ज्ञान आयोग की सदस्य भी रही हैं। उन्हें राजस्थान राज्य उच्च शिक्षा परिषद के सदस्य के रूप में भी नामांकित किया गया था। उन्होंने अपने वर्तमान दायित्व के साथ, जयपुर स्थित जगद्गुरु रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय की कुलपति का अतिरिक्त प्रभार भी दिनांक 22 अगस्त,2022 से 3 अक्टूबर,2022 तक तथा दिनांक 27 दिसंबर,2022 से 8 मार्च,2024 तक डॉ भीमराव अंबेडकर विधि विश्वविद्यालय, जयपुर की कुलपति का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला।

देश के लब्धप्रतिष्ठ शिक्षाविदों में से एक, प्रो. सुधि राजीव चार दशकों से अधिक के शिक्षण अनुभव के साथ देश में अंग्रेज़ी साहित्य और संचार-शिक्षा में अग्रणी रही हैं। वे देश की चुनिंदा विदुषियों में से हैं, जिन्हें दो बार फुलब्राइट अध्येतावृत्ति से नवाज़ा गया है। 1993-94 के दौरान, वे हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, कैम्ब्रिज, संयुक्त राज्य अमेरिका में एक वरिष्ठ फुलब्राइट फेलो थीं। 2010 में वे संयुक्त राज्य अमेरिका के एथेंस में ओहियो विश्वविद्यालय में अंग्रेज़ी में विज़िटिंग फुलब्राइट-नेहरू प्रोफेसर थीं, जहां उन्होंने अफ्रीकी-अमेरिकी और दक्षिण एशियाई साहित्य, दोनों पाठ्यक्रम पढ़ाए। कैनेडियन स्टडीज फैकल्टी एनरिचमेंट प्रोग्राम के लिए वर्ष 2012 में वे टोरंटो विश्वविद्यालय में रहीं। इससे पूर्व प्रो. राजीव 1990-91 में पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय, फिलाडेल्फिया में विजिटिंग स्कॉलर थीं और 1991 में टेम्पल यूनिवर्सिटी, फिलाडेल्फिया में भी उन्होंने पढ़ाया है।

सुधि राजीव ने 1985 में अफ्रीकी-अमेरिकी साहित्य में पीएच-डी की और उनकी पुस्तक "फॉर्म्स ऑफ ब्लैक कॉन्शसनेस" 1992 में न्यूयॉर्क (एडवेंट बुक्स) से प्रकाशित हुई है। कई शोधार्थियों का उन्होंने निर्देशन किया है। उन्होंने दक्षिण एशियाई साहित्य, अफ्रीकी-अमेरिकी साहित्य, वैश्विक अंग्रेज़ी और महिला अध्ययन पर भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका में शोध निर्देशन किया है और कई शोध-पत्र प्रकाशित करवाए हैं।

चार दशकों में फैले अपने उल्लेखनीय कॅरियर में, प्रो. सुधि राजीव ने शिक्षण, प्रशासन और शिक्षा में उत्कृष्टता के नए सोपान कायम किए हैं। कमला नेहरू महिला कॉलेज, जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर के निदेशक के रूप में उनका अत्यधिक योगदान रहा है। उनके गतिशील नेतृत्व और परिपक्व दृष्टि ने उनके क्षेत्र में अकादमिक विमर्श की गुणवत्ता को नया स्वरूप प्रदान किया है और उन्हें एक प्रभावशाली बौद्धिक नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित किया है।

जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर में कला, शिक्षा और समाज विज्ञान संकाय की डीन और बाद में पूर्णिमा विश्वविद्यालय, जयपुर में डीन, अंतरराष्ट्रीय संबंध के रूप में उनके कार्यकालों के दौरान इन संस्थानों के शैक्षणिक परिणामों और सार्वजनिक इंटरफ़ेस में एक ऐतिहासिक परिवर्तन आया। उनकी अंतरविषयक और निष्पक्ष सोच ने अंतरराष्ट्रीय आदान-प्रदान और अकादमिक शोध को बढ़ावा दिया है। उनके प्रभावी संप्रेषण-कौशल और एक मिलनसार स्वभाव ने उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपने समकक्षों के साथ काम करने में मदद की है। एक नेतृत्वकर्ता और प्रशासक के रूप में उनके कार्यों ने इन विश्वविद्यालयों को शिक्षा के केंद्रों के रूप में विकसित होना सुनिश्चित किया हैं।

प्रो. सुधि राजीव के पास मेधा की एक अतृप्त ललक है, जो उनके कॅरियर के हर पहलू में अभिव्यक्त होती है। अपने उत्कृष्ट प्रशासनिक कौशल के माध्यम से शिक्षण में रूपांतरण का नेतृत्व करने की उनकी क्षमता ने उन्हें एक संगठन-निर्माता और एक प्रतिबद्ध शिक्षाविद के रूप में ढाला है। शिक्षा के क्षेत्र में उनके काम ने कई विषयों में अकादमिक परिणामों और मानकों का कायापलट कर दिया है।

महिलाओं और जातिगत/नस्लीय भेदभाव पर केंद्रित सामाजिक मुद्दों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और उत्साह की गहराई के साथ, वे देश की आवाज रही हैं, जिसने सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व के मुद्दों पर मुखर वकालत की है। सामाजिक कुरीतियों में बदलाव लाने के उनके प्रयासों ने उन्हें महिला सशक्तीकरण और लैंगिक समानता का अग्रदूत बना दिया है।

उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, कनाडा, दक्षिण एशिया एवं दक्षिण पूर्व एशिया में आयोजित अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सेमिनारों और सम्मेलनों में कई सत्रों की अध्यक्षता की है, शोध-पत्र प्रस्तुत किए हैं और मुख्य वक्ता के रूप में भाग लिया है। इन सेमिनारों में उनकी विचारणा ने लिंगमूलक व नृजातीय समाज में नीतियों, प्रथाओं और शिक्षण-विमर्श को परिभाषित करने और निर्धारित करने में मदद की है। वे उच्च शिक्षा कार्यक्रम में महिला-प्रबंधकों के क्षमता-निर्माण के लिए एक राष्ट्रीय प्रशिक्षक भी हैं।

एक स्वाभाविक नेतृत्वकर्ता के रूप में प्रो. सुधि राजीव की कई भूमिकाएँ हैं। शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के अलावा, अपनी स्वाभाविक वाक्पटुता के कारण वे एक लोकप्रिय वक्ता हैं। वे समाज में सार्थक बदलाव लाने वाली एक प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं।

शिक्षा-जगत और उससे इतर उनके अप्रतिम योगदान के मान्यतास्वरूप उन्हें इंटरनेशनल मल्टीडिसिप्लिनरी रिसर्च फाउंडेशन, भारत और आईएमआरएफ इंस्टीट्यूट फॉर एजुकेशन एंड रिसर्च, दुबई चैप्टर, यूएई से 2019 में अंग्रेज़ी अध्ययन के लिए तथा मैनटेक थिंकिंग फाउण्डेशन फाजिल्का, पंजाब व पूर्णिमा कॉलेज ऑफ इंजिनियरिंग, जयपुर, भारत द्वारा 2024 में शिक्षा और शोध के लिए लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड दिए गए। इससे पूर्व 1997 में भारतीय दलित साहित्य अकादमी, नई दिल्ली द्वारा सामाजिक न्याय और समानता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए डॉ. अम्बेडकर फैलोशिप सम्मान प्रदान किया गया।

प्रो. सुधि राजीव कला, संगीत, कविता और नाटक की संरक्षक हैं, जो उनके शानदार व्यक्तित्व में एक और शानदार आयाम जोड़ते हैं। उनका बहुश्रुत कॅरियर भविष्य के कई नेतृत्वकर्ताओं के लिए प्रेरणा स्रोत है, जो उन्हें बहुमुखी मेधा का आदर्श बनाता है।