मीडिया और जनसंचार के लगातार बढ़ते हुए आकार, विविधता और अर्थ-बहुलता के दौर में राजस्थान सरकार द्वारा हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय (एचजेयू) की स्थापना को एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण क़दम के रूप में याद रखा जाएगा। वस्तुस्थिति यह है कि हमारे शैक्षिक संस्थानों में मीडिया के क्षेत्र में उभरे नये अभिरूपों और नवाचारों के अध्ययन-अध्यापन की कोई विधिवत् व्यवस्था मौजूद नहीं है। राजस्थान विधानमंडल के अधिनियम संख्या 11, वर्ष 2019 के अंतर्गत गठित यह विश्वविद्यालय मीडिया-अध्ययन के क्षेत्र में इसी अभाव की पूर्ति के लिए प्रतिबद्ध है।
यह पाठ्यक्रम तीन वर्ष की अवधि का होगा। इसमें विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों की ज़रूरी जानकारी मुहैया कराने के साथ जनसंचार और मास मीडिया के विभिन्न आयामों का शिक्षण और प्रशिक्षण दिया जाएगा । इस अध्ययन योजना में परंपरागत प्रिंट मीडिया के साथ रेडियो-टीवी, फ़ोटोग्राफ़ी, वैब/ऑनलाइन मीडिया, सोशल मीडिया, मीडिया प्रबंधन, विज्ञापन व लोक-संपर्क आदि की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। समाचार, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हो रहे नवाचार पाठ्यक्रम में बुनियादी रूप से शरीक किए गए हैं।
इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य पत्रकारिता और जनसंचार के क्षेत्र में उपलब्ध तथ्यों और जानकारी के विवेचन के साथ मौलिक संधान को बढ़ावा देना है। मीडिया के क्षेत्र (इंडस्ट्री) और उसकी अकादमिक शाखाओं में गहन अध्ययन की रुचि रखने वालों को यह शोध-पाठ्यक्रम नई संभावनाएँ प्रदान करेगा।
प्रवेश पाने वाले विद्यार्थियों को शोधार्थी के रूप में पंजीकृत होने से पहले छह माह का 'कोर्स वर्क' करना होगा। इस आयोजन में शोधार्थी पत्रकारिता और जनसंचार के विभिन्न पहलुओं पर शोध की कार्यविधि और प्रवृत्तियों से परिचित हो सकेंगे।
विश्वविद्यालय में पुस्तकालय जानकारी और ज्ञान का ख़ज़ाना होता है, जो विद्यार्थियों और शिक्षकों के विकास में अहम भूमिका अदा करता है। हरिदेव जोशी विश्वविद्यालय अपने समृद्ध पुस्तकालय के बल पर उत्कृष्टता के एक केंद्र के बतौर उभरेगा, जहाँ दुर्लभ कृतियों, पुरानी पत्रिकाओं और नवीनतम पुस्तकों तथा मीडिया पर अन्य दृश्य-श्रव्य सामग्री का संचयन होगा।
यह पुस्तकालय विद्यार्थियों, शोधार्थियों और शिक्षकों के लिए एक सघन पाठ्य-सामग्री ही नहीं, संदर्भ सामग्री और शोध के जर्नल उपलब्ध करवाएगा। यहाँ मीडिया से संबंधित पुस्तकें और अन्य सामग्री क़ानून, इतिहास, संचार शोध, सिनेमा अध्ययन, विकास पर्यावरणीय मुद्दों, विज्ञापन और जनसंपर्क समेत अन्य विषयों पर उपलब्ध होंगी। पुस्तकालय में हिंदी और अंग्रेज़ी के समाचार-पत्रों के साथ सामयिक पत्रिकाएँ भी पढ़ी जा सकेंगी।